विधानसभा: आम नागरिक के सवाल(छठवी कड़ी ) -
- Rahul Dubey
- Apr 3
- 3 min read
प्रस्तुत करते हैं एक सीरीज जिसमें मध्य प्रदेश विधान सभा के विभिन्न सत्रों में हुई चर्चाओं, प्रश्नों एवं उनके उत्तरों का आम नागरिक के सरोकार स्पष्ट होता है।
ये सवाल मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष द्वारा उठाए गए हैं। इस प्रश्नोत्तरी को आम नागरिक के लिए जानना जरूरी हैं। क्यों जरूरी हैं? क्योंकि ये सवाल हमारे द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधियों से पूछे गए हैं। सीधे शब्दों में कहें तो ये सवाल हमारे ही हैं! हमें यह जानना चाहिए कि जिन नेताओं को हमने चुना, क्या वे हमारी उम्मीदों पर खरे उतरे हैं या नहीं? आइए, मिलकर इन सवालों के जवाब तलाशें।
इस सीरीज कि छठवी कड़ी में श्री उमंग सिंघार जी जो धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के विधायक और मध्य प्रदेश सरकार के नेता प्रतिपक्ष भी हैं, उनके द्वारा किए गए प्रश्नों को जानने का प्रयास करते हैं - नेता प्रतिपक्ष का प्रश्न (क्र. 1067) क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जांच आयोग अधिनियम (1952 का 60) धारा 3 अंतर्गत आयोगों में से कौन-कौन से ऐसे आयोग है जिनकी रिपोर्ट प्रश्न दिनांक तक शासन को प्राप्त नहीं हुई है? (ख) ऐसे कौन-कौन से जांच आयोग है जिनकी रिपोर्ट शासन को प्राप्त हो गई है लेकिन उसे विधानसभा के पटल पर नहीं रखा गया है? (ग) क्या जांच आयोग अधिनियम 1952 की धारा 3 के तहत रिपोर्ट प्राप्त होने के 6 माह के अंदर रिपोर्ट पर कार्यवाही कर उसे विधानसभा के पटल पर रखा जाना है? (घ) यदि हाँ, तो आयोगों की रिपोर्ट को यथासमय विधानसभा के पटल पर न रखे जाने का क्या कारण है? इसके लिए कौन दोषी है?
इन प्रशन्नो पर उन्हे प्राप्त उत्तर इस प्रकार है: (क) दिनांक 09.08.2022 की रात्रि वन क्षेत्र लटेरी जिला विदिशा में हुई गोलीबारी की घटना की न्यायिक जांच हेतु गठित जांच आयोग की रिपोर्ट प्रश्न दिनांक तक शासन को प्राप्त नहीं हुई है। (ख) समयावधि का उल्लेख न होने के कारण वर्ष 2010 से आज दिनांक तक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी, हाँ (घ) जांच आयोग से प्राप्त रिपोर्ट के बिंदु संबंधित विभागों में परीक्षणाधीन होने के कारण। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जाहीर है कि सवाल एवं उसके जवाब पेंचीदा हैं। इनको आसान भाषा में समझना आवश्यक है।
सवाल : कौन से जांच आयोगों की रिपोर्ट शासन को तो प्राप्त नहीं हुई है? कौन से जांच आयोगों की रिपोर्ट शासन को मिल गई, लेकिन वह विधानसभा के पटल पर नहीं रखी गई?क्या जांच आयोग अधिनियम 1952 के तहत रिपोर्ट मिलने के छह महीने के अंदर उसे विधानसभा के पटल पर रखना अनिवार्य है? यदि ऐसा है, तो क्यों रिपोर्ट समय पर विधानसभा के पटल पर नहीं रखी गई, और इसके लिए जिम्मेदार कौन है?

जवाब - इन सवालों के जवाबो मे मंत्री जी ने कहा कि 09.08.2022 की रात लटेरी जिला विदिशा में हुई गोलीबारी की घटना की जांच हेतु गठित आयोग की रिपोर्ट अभी तक शासन को नहीं मिली है। समयावधि का उल्लेख न होने के कारण वर्ष 2010 से अब तक की जानकारी परिशिष्ट में दी गई है। जांच आयोग अधिनियम 1952 के तहत रिपोर्ट मिलने के छह महीने के अंदर कार्यवाही कर उसे विधानसभा के पटल पर रखना चाहिए। हालांकि, रिपोर्ट अभी संबंधित विभागों में परीक्षणाधीन है, जिस कारण उसे समय पर विधानसभा के पटल पर नहीं रखा जा सका। इसके अलावा कोई अन्य प्रश्न नहीं है।
मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष ने कुछ महत्वपूर्ण सवाल उठाए—सवाल जो आम जनता की समस्याओं और उनकी उम्मीदों से जुड़े हैं। लेकिन क्या इन सवालों के जो जवाब मिले, वे आपको संतुष्ट करते हैं? हमें अपने जवाब editor@matdaan.com में प्रेषित करें।
लेखक- राहुल दुबे
संबंधित जानकारी हेतु - मध्य प्रदेश विधानसभा ,प्रश्नोत्तरी – सूची ,मार्च 2025 सत्र, बुधवार दिनांक 12 मार्च 2025 , तार्किक प्रश्न उत्तर ।
वेबसाईट- https://mpvidhansabha.nic.in/
Comments