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विधानसभा: आम नागरिक के सवाल( आठवी कड़ी ) -

प्रस्तुत करते हैं एक सीरीज जिसमें मध्य प्रदेश विधान सभा के विभिन्न सत्रों में हुई चर्चाओं, प्रश्नों एवं उनके उत्तरों का आम नागरिक के सरोकार स्पष्ट होता है।


ये सवाल मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष द्वारा उठाए गए हैं। इस प्रश्नोत्तरी को आम नागरिक के लिए जानना जरूरी हैं। क्यों जरूरी हैं? क्योंकि ये सवाल हमारे द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधियों से पूछे गए हैं। सीधे शब्दों में कहें तो ये सवाल हमारे ही हैं! हमें यह जानना चाहिए कि जिन नेताओं को हमने चुना, क्या वे हमारी उम्मीदों पर खरे उतरे हैं या नहीं? आइए, मिलकर इन सवालों के जवाब तलाशें।


इस सीरीज कि आठवी कड़ी में श्री उमंग सिंघार जी जो धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के विधायक और मध्य प्रदेश सरकार के नेता प्रतिपक्ष भी हैं, उनके द्वारा किए गए प्रश्नों को जानने का प्रयास करते हैं - नेता प्रतिपक्ष का प्रश्न  (क्र. 1431) -  क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर संभाग इंदौर के पत्र क्रमांक 160/4/राज/इंदौर एवं कलेक्टर जिला धार के पत्र क्रमांक 13956/राज.अभि/2016 दिनांक 05.12.2016 के द्वारा तहसीलदार बदनावर, सरदापुर, डही, मनावर, गंधवानी, धरमपुरी जिला धार को मिसल बंदोबस्त रिकार्ड में अंकित शासकीय भूमि निजी या किसी अन्य मद में दर्ज प्रविष्टि को चालू खसरे के कॉलम 12 में "अहस्तांतरणीय" शब्द लिखे जाने के निर्देश किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में गंधवानी, टाण्डा, बाग के भूमि स्वामियों की जानकारी दें, जिनके राजस्व अभिलेख में "अहस्तांतरणीय" दर्ज है? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में भूमि का बंदोबस्त होने के बाद भूमि स्वामी हो गये थे, इनकी भूमि में "अहस्तारण" लिखने का क्या औचित्य है? (घ) क्या ऐसे भूमि स्वामी जिनकी भूमि में अहस्तातंरण लिखा गया है उन्हें बैंक लोन आदि की सुविधा नहीं मिल पा रही है? (ड.) शासन धार जिले के ऐसे भूमि स्वामियों जिनकी भूमि में "अहस्तांतरण" लिखा गया है के प्रकरण संज्ञान में लेकर इस प्रविष्टि को हटाने के निर्देश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?

इन प्रशन्नो पर उन्हे प्राप्त उत्तर इस प्रकार है: राजस्व मंत्री (श्री करण सिंह वर्मा) ने कहा - (क) जी हाँ, निर्देश दिये गये हैं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में गंधवानी, टाण्डा एवं बाग ग्राम के भूमिस्वामियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आयुक्त, इन्दौर संभाग, इन्दौर के पत्र क्र.160/4/राज./2016 इन्दौर दिनांक 03.03.2016 द्वारा जारी निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यवाही किये जाने से प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) जी नहीं। नियमानुसार बैंक लोन आदि सुविधाएं प्राप्त हो रही है। (ड.) अभ्यावेदन प्राप्त होने पर संहिता तथा भू-अभिलेख नियमावली में अधीन नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।


जाहीर है कि सवाल एवं उसके जवाब पेंचीदा हैं। इनको आसान भाषा में समझना आवश्यक है।

सवाल :- इंदौर संभाग और कलेक्टर धार ने तहसीलदारों को यह आदेश दिए थे कि जिन जमीनों को पहले सरकारी बताया गया था लेकिन अब किसी कारण से निजी हो गई हैं, उनके रिकॉर्ड में "अहस्तांतरणीय" यानी न बिकने योग्य लिखा जाए। गंधवानी, टाण्डा और बाग गांव के उन लोगों की जानकारी मांगी गई है जिनकी जमीन के रिकॉर्ड में ऐसा लिखा गया है। सवाल यह भी है कि जब लोग जमीन के मालिक बन चुके हैं तो उनकी जमीन में "अहस्तांतरणीय" क्यों लिखा गया। इसके कारण क्या उन्हें बैंक लोन जैसी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। अंत में पूछा गया है कि क्या सरकार इस मामले को देखकर जमीन से "अहस्तांतरणीय" शब्द हटाएगी या नहीं, और अगर नहीं हटाएगी तो क्यों।


जवाब : - हाँ, निर्देश दिए गए हैं। गंधवानी, टाण्डा और बाग गांव के जमीन मालिकों की जानकारी परिशिष्ट में दी गई है। नियमों के अनुसार काम हो रहा है, इसलिए कोई परेशानी नहीं है। जमीन मालिकों को बैंक लोन जैसी सुविधाएं मिल रही हैं। अगर कोई शिकायत आती है तो नियम के अनुसार कार्रवाई की जाएगी, लेकिन इसमें कितना समय लगेगा, यह नहीं बताया जा सकता।


मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष ने कुछ महत्वपूर्ण सवाल उठाए—सवाल जो आम जनता की समस्याओं और उनकी उम्मीदों से जुड़े हैं। लेकिन क्या इन सवालों के जो जवाब मिले, वे आपको संतुष्ट करते हैं? हमें अपने जवाब editor@matdaan.com में प्रेषित करें।

लेखक- राहुल दुबे

संबंधित जानकारी हेतु - मध्य प्रदेश विधानसभा ,प्रश्नोत्तरी – सूची ,मार्च 2025 सत्र, गुरुवार दिनांक 13 मार्च 2025 , तार्किक प्रश्न उत्तर ।   

वेबसाईट- https://mpvidhansabha.nic.in/

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