सोनिया गांधी की बुलाई हुई संसदीय रणनीति समूह की बैठक के चलते आज काँग्रेस पार्टी में सभी लोगों की नजर सिर्फ इसी बात पर है की राहुल गांधी काँग्रेस का लोक सभा नेतृत्व स्वीकार करेंगे या नहीं ।
ऐसा माना जा रहा है की काँग्रेस आने वाले समय में अधीर रंजन चौधरी की जगह एक नए नेतृत्व का साथ देख रही है।
जबकि पंजाब के सांसद मनीष तिवारी और रवनीत बिट्टू, साथ ही शशि थरूर, गौरव गोगोई और उत्तम रेड्डी भी हैं, अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि बदलाव की बात उम्मीद से शुरू हुई थी की राहुल आखिरकार लोकसभा का पद संभाल सकते हैं।
सूत्रों का कहना है की यह गांधी वंशज के ऊपर है की वह क्या फैसला लेते हैं। उनका कहना ये भी है की राहुल के लोक सभा 2019 इलेक्शन की हार के बाद उन्हे अभी सामान्य स्थिति की भावना पैदा करने की जरूरत है।
अगर राहुल ने काँग्रेस के लोक सभा नेतृत्व देख रेख से मन कर दिया तो काँग्रेस को अपने निर्णय के बारे मेनन दोबारा सोचना पड़ सकता है।
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