मिथुन दिलाएंगे बंगाल
मिथुन चक्रवर्ती ने भाजपा ज्वाइन करके भाजपा को काफी मजबूत कर दिया है| फिल्मी दुनिया में अपनी धमक दिखाने वाले मिथुन दा गांव- गरीब और मजदूरों से जुड़े हैं और मिथुन दा के जरिए बीजेपी बंगाल में गांव- गरीबों और मजदूरों तक पहुंचना चाहती है|
मिथुन दा बीजेपी के कंपलीट पैकेज साबित हो सकते हैं वह ऐसे, 2021 के विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की कोशिश ज्यादा से ज्यादा सेलिब्रिटीज को अपने साथ जोड़ने की रही है, खासतौर पर बंगाली फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को बीजेपी ने इस बार के चुनाव मैं 5 एक्ट्रेस और एक्टर को मैदान में उतारा है मनोरंजन की दुनिया में मिथुन दा की जबरदस्त पैठ है |ऐसे में बीजेपी ने बहुत बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेला है मिथुन दा के अभिनय के जितने दीवाने हैं दूसरी ओर उनकी राजनीतिक प्रतिभा के कदरदान भी कम नहीं है| कॉलेज के दिनों में कम्युनिस्ट पार्टी के करीबी रहे |मिथुन दा साल 2014 में ममता बनर्जी की पार्टी में शामिल हुए राज्यसभा सांसद के पद से इस्तीफा देने के बाद मिथुन दा ब्रेक पर चल रहे थे और अब ब्रेक का समापन हो गया है| 2014 में ममता बनर्जी से जुड़े रहने के बाद मिथुन दा ने मोदी का साथ पकड़ लिया |भाजपा में शामिल होने के बाद मिथुन ने टीएमसी के बारे में कहा कि तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने का उनका गलत फैसला था |बीजेपी ने ममता बनर्जी के खिलाफ मिथुन दा को खड़ा किया है क्योंकि मिथुन दा विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के खिलाफ एक क्रेडिबल आवाज हो सकते हैं एक ऐसी आवाज जिसकी बात पश्चिम बंगाल के लोग सुनते हों एक ऐसी आवाज जिसका लोगों पर असर हो सके | मिथुन दा कहते हैं ..जब राजनीति में अपना मतलब आगे आ जाए तो मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता |उनका कहना है मेरे लिए पहले राज्य, फिर राज्य वासी ,फिर मैं का सिद्धांत सर्वोपरि है लेकिन ममता बनर्जी 'पहले मैं 'के सिद्धांत में विश्वास करने लगी थी |
2016 में राज्यसभा सांसद से इस्तीफा 350 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके मिथुन चक्रवर्ती साल 2014 में तृणमूल कांग्रेस की टिकट पर राज्यसभा पहुंचे थे उस समय बंगाल से लेकर दिल्ली तक शारदा चिटफंड स्कैम सुर्खियो में था |इसमें मिथुन दा का नाम उछला और उन्होंने 2016 में राज्यसभा से इस्तीफा दिया |उन्होंने टीएमसी छोड़ने के बारे में यह भी कहा कि तृणमूल ने मुझे सांसद बनाया ,और मैंने छोड़ दिया मिथुन दा का कहना है मैं गरीबों के लिए काम करना चाहता हूं| गरीबों के लिए काम करने के लिए मुझे किसी के साथ तो जाना ही होगा |
गरीबों की सेवा रहा है सपना
उनका सपना था कि गरीबों की सेवा करें उन्होंने इंटरव्यू के दौरान बताया कि जब मैं 18 साल का था तभी से मेरा सपना था कि गरीबों की सेवा करूं, उनकी मदद करूं मैं अपने कामों की पब्लिसिटी नहीं करता लेकिन लोगों की हर संभव मदद करने की कोशिश करता हूं उन्होंने कहा अगर हम 'सोनार बांग्ला 'के सपने को पूरा करते हैं तो मुझे बहुत गर्व होगा|
Comments