"हम सभी चुनाव करते हैं, लेकिन अंत में हमारी पसंद हमें बनाती है।"
― केन लेविन
संसद में मॉनसून सत्र का समय शुरू हो चुका है। उसमे होने वाली गतिविधियों के बारे में समझेंगे लेकिन उससे पहले जानते हैं संसद के सत्रों के बारे में।
संसद के सत्र
भारतीय संसद का एक सत्र वह अवधि है जिसके दौरान किसी सदन की बैठक लगभग हर दिन निर्बाध रूप से व्यवसाय के प्रबंधन के लिए होती है।
संसद के तीन सत्र होते हैं:-
बजट सत्र
मॉनसून सत्र
शीतकालीन सत्र
बजट सत्र फ़रवरी से मई तक होता है। इस सत्र को संसाद का काफी जरूरी समय माना जाता है । बजट फ़रवरी के आखिरी महीने में पास किया जाता है, उसके बाद फाइनैन्स मिनिस्ट्रे उसकी गोशन करते हैं तथा सभी संसद के सदस्य इस पर चर्चा करते हैं और टैक्स से जुड़े मुद्दों और प्रावधानों को आगे रखते हैं ।
बजट सत्र को दो भाग में बाँट दिया जाता है। और यह सत्र राष्ट्रपति के दोनों सभाओं को संबोधित करने के बाद आगाज होता है।
मॉनसून सत्र जुलाई से सितंबर तक होता है । यह बजट सत्र पूरा होने के दो महीने बाद शुरू होता है। इसकी खास बात यह है की यह जनहित के मामलों पर चर्चा के लिए होता है, जिसमे कुछ कड़ी नियम या बिल पास किए जाते हैं।
शीतकालीन सत्र मध्य नवंबर से मध्य दिसंबर तक का होता है । यह सबसे छोटा सत्र होता है। यह उन मामलों को उठाता है जिन पर पहले विचार नहीं किया गया था और संसद के दूसरे सत्र के दौरान विधान व्यवसाय के कार्य को पूरा करता है।
संसद में एक संयुक्त सत्र भी होता है, संयुक्त सत्र दोनों सभाओं की उपस्थिति होती है और राष्ट्रपति द्वारा इसकी बैठक ली जाती है।
यह सत्र तब होता है जब लोक सभा, विधान सभा और राज्य सभा में आपसी विचारधार का अंतर होने पर या विशेष रूप से बिल के नकार दिए जाने पर यह बैठक होती है।
मॉनसून सत्र विस्तार में
मॉनसून सत्र में जनहित की बात की जाती है । जनहित की बातों से तात्पराय है की लोगों के हित में बिल पास किए जाते हैं। पिछले साल पास हुए कृषि बिल, जो की किसानो के लिए काफी बदलाव और आपदा साथ ले आया।
2020 में ये सत्र कोरोनविरुस की वजह से आगे बढ़ कर सितंबर कर दिया गया था और शीतकालीन सत्र को खारिज कर दिया गया था ।
हर साल मॉनसून सत्र में कुछ ऐसे बिल प्रस्तावित किए जाते हैं, जिनमे कुछ स्वीकार लिए जाते हैं कुछ नामंजूर कर दिए जाते हैं।
2020 में मंजूर हुए कुछ बिल:-
किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020
मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा विधेयक, 2020 पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता
आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020
राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय विधेयक, 2020
राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय विधेयक, 2020
व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति संहिता विधेयक, 2020
सामाजिक सुरक्षा विधेयक, 2020 पर संहिता
औद्योगिक संबंध संहिता विधेयक, 2020
आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान विधेयक, 2020
भारतीय चिकित्सा पद्धति के लिए राष्ट्रीय आयोग विधेयक, 2020
राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग विधेयक, 2020
बैंकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2020
कंपनी (संशोधन) विधेयक, 2020
द बाईलेटरल नेटिंग ऑफ़ क्वालिफाइड फाइनेंशियल कॉन्ट्रैक्ट्स बिल, 2020
कराधान और अन्य कानून (कुछ प्रावधानों में छूट) विधेयक, 2020
इन सब बिलों को जनहित में जारी किया गया। और इनपर काम भी शुरू हो गया, हालांकि कुछ बिल को जनता का समर्थन नहीं मिल पाया।
2021 में भी कुछ बिल प्रस्तावित किए जाएंगे, संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हो चुका है । सत्र के 13 अगस्त को खत्म होने की संभावना है। केंद्र द्वारा आगामी सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए जाने के लिए कम से कम 23 बिलों को सूचीबद्ध किया गया है। इनमें से 6 बिल पहले ही पेश किए जा चुके हैं और इनमें से 17 नए होंगे।
इस 17वीं लोकसभा के छठे सत्र में करीब 20 बैठकें होने की संभावना है।
पहला दिन
संसद का मानसून सत्र कड़वे सुर पर शुरू हुआ जब विपक्ष ने हंगामा किया और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को अपने नए शामिल किए गए केंद्रीय मंत्रियों को सदन में पेश करने से रोक दिया।
आगामी चर्चाएँ
डीएनए प्रौद्योगिकी (उपयोग और अनुप्रयोग) विनियमन विधेयक, 2019
माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण (संशोधन) विधेयक, 2019
सरोगेसी (विनियमन) विधेयक, 2019
फैक्टरिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2020
सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक, 2020
ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स (रेशनलाइजेशन एंड कंडीशंस ऑफ सर्विस) बिल, 2021
किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021
राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान, उद्यमिता और प्रबंधन विधेयक, 2021
नौवहन के लिए समुद्री सहायता विधेयक, 2021
दिवाला और दिवालियापन संहिता (संशोधन) विधेयक, 2021
सीमित देयता भागीदारी (संशोधन) विधेयक, 2021
पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2021
जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (संशोधन) विधेयक, 2021
आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक, 2021- एक अध्यादेश की जगह लेता है
चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंट्स, और कंपनी सेक्रेटरीज (संशोधन) बिल, 2021
केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021
भारतीय वन प्रबंधन संस्थान विधेयक, 2021
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग विधेयक, 2021 - एक अध्यादेश की जगह लेता है
छावनी विधेयक, 2021
भारतीय अंटार्कटिका विधेयक, 2021
कोयला असर वाले क्षेत्र (अधिग्रहण और विकास) संशोधन विधेयक, 2021
बिजली (संशोधन) विधेयक, 2021
व्यक्तियों की तस्करी (रोकथाम, संरक्षण और पुनर्वास) विधेयक, 2021
अंतर्देशीय पोत विधेयक, 2021
भारतीय समुद्री मात्स्यिकी विधेयक, 2021
पेट्रोलियम और खनिज पाइपलाइन (संशोधन) विधेयक, 2021
हालांकि जानकारों द्वारा ऐसा कहा जा रहा है की सरकार सत्र में लगभग 15 बिल लेने वाली है जिनमें डीएनए प्रौद्योगिकी विधेयक, सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी विधेयक, माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण, न्यायाधिकरण सुधार विधेयक और फैक्टरिंग विनियमन संशोधन विधेयक शामिल हैं।
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